बिछड़न

कैद कर लेता हूँ ज़िंदगी के कुछ लम्हों को
तेरे बिछड़ने के बाद समेटना सीख गया हूँ मैं।

बिछड़न बिछड़न Reviewed by Amar Nain on 3/12/2018 Rating: 5

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