मुमकिन तो है






लाखों की भीड़ मौजूद हो पर अकेले चलना मुमकिन तो है
राह में मुश्किल है हजारों
मंजिल का मिल जाना मुमकिन तो है
वो दौर ओर रहा होगा जहाँ तड़पन ना होगी
यहाँ दर्दों के संग जीना मुमकिन तो है
मेरे लिए तमन्ना कुछ खास मायने नहीं रखती
पर सपनों संग बहना मुमकिन तो है
वो आधिंयों का जिक्र कर डराएंगे तुम्हें
पर तुम्हारा बेकौफ चलना मुमकिन तो है
यूं किस्से रास ना आए मेरे लिखे किसी को
पर इन्हें रूह से पन्नों पे उतारना मुमकिन तो है।
मुमकिन तो है मुमकिन तो है Reviewed by Amar Nain on 9/25/2018 Rating: 5

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