एक अरसा हो गया
एक अरसा हो गया है
हमारी अनबन हुए
हमें झगड़े हुए
चलो आज दबी हुई बातों को टटोलते है
तकरार करने को कुछ कड़वा बोलते हैं
*
अब नहीं अच्छा लगता तुम्हारे
इन्तजार में सुबह से शाम किए जाना
यहाँ कहाँ आसान है
बेमतलब के रिश्ते निभाना
चलो इसमें अब कोई मतलब खोजते हैं
तकरार करने को कुछ कड़वा बोलते हैं
*
मेरे बारे में जो कहते हो मीठा- मीठा तुम
मन उब गया है वो सुनके
तुम्हारे अन्दर की बात सुनने की चाह है
तुम्हारे ही मुख से
बड़े बसाए सपनों के महल हमने
चलो अब उन्हें उजाड़ने की तरकीब सोचते है
तकरार करने को कुछ कड़वा बोलते है
चलो अब रंजिशों को खोलते है ।
हमारी अनबन हुए
हमें झगड़े हुए
चलो आज दबी हुई बातों को टटोलते है
तकरार करने को कुछ कड़वा बोलते हैं
*
अब नहीं अच्छा लगता तुम्हारे
इन्तजार में सुबह से शाम किए जाना
यहाँ कहाँ आसान है
बेमतलब के रिश्ते निभाना
चलो इसमें अब कोई मतलब खोजते हैं
तकरार करने को कुछ कड़वा बोलते हैं
*
मेरे बारे में जो कहते हो मीठा- मीठा तुम
मन उब गया है वो सुनके
तुम्हारे अन्दर की बात सुनने की चाह है
तुम्हारे ही मुख से
बड़े बसाए सपनों के महल हमने
चलो अब उन्हें उजाड़ने की तरकीब सोचते है
तकरार करने को कुछ कड़वा बोलते है
चलो अब रंजिशों को खोलते है ।
एक अरसा हो गया
Reviewed by Amar Nain
on
10/12/2018
Rating:
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