Latest love shayari likh lu raaz sunhare
लिख लूं राज सुनहरे में
फिर पन्नो पे दास्ताँ ढूंढ लेना
मेरा जिक्र जहाँ पे हो दोस्तों
वो बातें ध्यान से सुन लेना
फिर चुप्पी में रोर शामिल होगा
फैसला किस्मत पे छोड़ देते है, वो देख लेगी
कौन दोस्त कौन काफिर होगा ?
मेरे लिखी बातों पर अन्देशा जाहिर मत करना
मैंने रूह तक गिरवी रख दी है
इसको जहन से समझ परख लेना
वो बेपरवाह,आवारा-सा जो गलियों में फिरता था
चंचल स्वभाव से मुस्तेद, हर किसी के दिल में बस्ता था
मैंने बड़ी नजदीकी से की उसकी जवानी रेकी है
उसकी हंसी मैने मोहब्बत में घिसती देखी है
जहाँ पे असल योध्या भी डर कर सर झुका लेता
वहां खड़ी, मैंने उसकी, होन्स्लो वाली इमारत देखी है
कैसे मैं नामंजूर कर दू "अमर" उससे नफरत करने वाली को
आज फिर वो बेवफा उसी की बाहों में लिपटी बैठी है ।
©® #writeramarnain
फिर पन्नो पे दास्ताँ ढूंढ लेना
मेरा जिक्र जहाँ पे हो दोस्तों
वो बातें ध्यान से सुन लेना
फिर चुप्पी में रोर शामिल होगा
फैसला किस्मत पे छोड़ देते है, वो देख लेगी
कौन दोस्त कौन काफिर होगा ?
मेरे लिखी बातों पर अन्देशा जाहिर मत करना
मैंने रूह तक गिरवी रख दी है
इसको जहन से समझ परख लेना
वो बेपरवाह,आवारा-सा जो गलियों में फिरता था
चंचल स्वभाव से मुस्तेद, हर किसी के दिल में बस्ता था
मैंने बड़ी नजदीकी से की उसकी जवानी रेकी है
उसकी हंसी मैने मोहब्बत में घिसती देखी है
जहाँ पे असल योध्या भी डर कर सर झुका लेता
वहां खड़ी, मैंने उसकी, होन्स्लो वाली इमारत देखी है
कैसे मैं नामंजूर कर दू "अमर" उससे नफरत करने वाली को
आज फिर वो बेवफा उसी की बाहों में लिपटी बैठी है ।
©® #writeramarnain
Latest love shayari likh lu raaz sunhare
Reviewed by Amar Nain
on
11/21/2018
Rating:
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11/21/2018
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