शायद जायज है

Amar Nain 9/29/2018
अल्फाजों की डोर से जो तुम मेरे किस्से बनाते हो संभलती हुई को मुझे , उदेड़ से जाते हो फिर भी मेरा रूस्वां  ना होना शायद जायज है आसंमा की...Read More
शायद जायज है शायद जायज है Reviewed by Amar Nain on 9/29/2018 Rating: 5

थोड़ी चुप्पी थोड़ा शोर

Amar Nain 9/28/2018
थोड़ी- सी चुप्पी थोड़ा शोर है मेरे दिल के आँगन में बैठा चोर है मेरे जहन में बस्ती है किसी ओर की बाते मानों फिल्म मेरी में, किसी ओर का रोल...Read More
थोड़ी चुप्पी थोड़ा शोर थोड़ी चुप्पी थोड़ा शोर Reviewed by Amar Nain on 9/28/2018 Rating: 5

मोहब्बत का ख्याल

Amar Nain 9/27/2018
यूँ आ जाती हो बिना बुलाए मिलने रोज लबों पे बाकि कोई सवाल तो नहीं है लंबी- लंबी चलने लगी है फोन पे बातें मोहब्बत करने का ख्याल तो नहीं ह...Read More
मोहब्बत का ख्याल मोहब्बत का ख्याल Reviewed by Amar Nain on 9/27/2018 Rating: 5

मुमकिन तो है

Amar Nain 9/25/2018
लाखों की भीड़ मौजूद हो पर अकेले चलना मुमकिन तो है राह में मुश्किल है हजारों मंजिल का मिल जाना मुमकिन तो है वो दौर ओर रहा हो...Read More
मुमकिन तो है मुमकिन तो है Reviewed by Amar Nain on 9/25/2018 Rating: 5

ख्याल अच्छा है

Amar Nain 9/24/2018
दिल तुम्हे भुला देगा कभी न कभी सोचने को ये ख्याल अच्छा है मेरी फिदरत ही धुए जैसी है , तेरे साथ बंधा कैसे रहूँगा अलग होने क...Read More
ख्याल अच्छा है ख्याल अच्छा  है Reviewed by Amar Nain on 9/24/2018 Rating: 5
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