Voting poetry | मतदान पर कविता | vote

किए उपकार ना उन्होंनें दोस्त 

फिर काहे का घबराना 
इस इलेक्शन मित्र तुम मतदान करने जरूर  आना .....
पिछली बार के घोषणा पत्र तुमको मिले तो  जरूर तुम पढ़ के आना कितने हुए हैं उनमें से काम इन ते कर दोहराना इस इलेक्शन मित्र तुम मतदान करने जरूर आना .....
वो देंगे नया घोषणा पत्र फिर और बहका देंगे फिर से एक बार
तुम फिर ऐसी बातों में बिलकुल  मत आना अगर उम्मीदवार पसंद न हो तो बेशक नोटा दबा आना पर मित्र इस इलेक्शन तुम मतदान करने जरूर आना ......
एक हक है हमारे पास में राजनेता चुनने का गांव शहर राज्य देश की किस्मत को फिर से बुनने का कोई लगे हक का कैंडिडेट तो   तुम उसका भरपूर सहयोग दे आना पर मित्र तुम इस इलेक्शन मतदान करने जरूर आना .....
हो सकता है तुमको उस दिन कोई काम जरूरी पड़ जाए गर्मी के चलते तुमको थकान महसूस हो जाए कोई बुखार रोक ले रहा का रास्ता और तुम घबरा कर पिछली बार की तरह वोट डालने से चूक मत जाना मैं तुम्हें फिर कह रहा हूँ दोस्त तुम इस बार मतदान करने जरूर आना  .....
Voting poetry | मतदान पर कविता | vote Voting poetry | मतदान पर कविता | vote Reviewed by Amar Nain on 4/22/2019 Rating: 5

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