Latest Life shayari part-1
इस छोटी सी जिंदगी में दिक्कतें बहुत है
कभी सुबह देर तक सोता हूँ
कभी पूरी रात नींद आती नहीं
कभी सब कुछ अपना-सा लगता है
कभी कोई भी भाता नहीं
कभी थका हूँ कि हार-सा गया
कभी थकावट क्या है जान पाता नहीं
कभी निकलता हूँ तन्हा-सा
कभी भीड़ से छूट पाता ही नहीं
कभी शोर पसन्द है
कभी शोर से बच पाता ही नहीं
कभी बातें अच्छी लगे
कभी लज्फ चुभे बिन रहता ही नहीं
कभी ठहाके लगाता हूँ जोरों से
कभी मैं हंस पाता ही नहीं
कभी सब हमदर्द लगते है
कभी कोई साथ निभाता नहीं
कभी आजाद-सा होता हूँ
कभी फर्ज खत्म होते ही नहीं
कभी शांत सा होता हूँ
कभी रोना रुकता ही नहीं
कभी सुबह देर तक सोता हूँ
कभी पूरी रात नींद आती नहीं
कभी सब कुछ अपना-सा लगता है
कभी कोई भी भाता नहीं
कभी थका हूँ कि हार-सा गया
कभी थकावट क्या है जान पाता नहीं
कभी निकलता हूँ तन्हा-सा
कभी भीड़ से छूट पाता ही नहीं
कभी शोर पसन्द है
कभी शोर से बच पाता ही नहीं
कभी बातें अच्छी लगे
कभी लज्फ चुभे बिन रहता ही नहीं
कभी ठहाके लगाता हूँ जोरों से
कभी मैं हंस पाता ही नहीं
कभी सब हमदर्द लगते है
कभी कोई साथ निभाता नहीं
कभी आजाद-सा होता हूँ
कभी फर्ज खत्म होते ही नहीं
कभी शांत सा होता हूँ
कभी रोना रुकता ही नहीं
Latest Life shayari part-1
Reviewed by Amar Nain
on
1/19/2019
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