Heart broken shayari Yha Har Jagh Jhuth Kyu Hai
फरेब से नफरत है फिर हर जगह झूठ चलत क्यों है
समझ नहीं आता तुममें और मुझमें फर्क क्यों है
* मैंने चल के गुजार दी जिंदगी हर सवेरा तलाशने को
फिर भी तेरी तेरी आगे रौशनी और मेरे संग ये शब वाला अँधेरा क्यों है
समझ नहीं आता तुममें और मुझमें फर्क क्यों है
फिर भी तेरी तेरी आगे रौशनी और मेरे संग ये शब वाला अँधेरा क्यों है
समझ नहीं आता तुममें और मुझमें फर्क क्यों है
Heart broken shayari Yha Har Jagh Jhuth Kyu Hai
Reviewed by Amar Nain
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4/22/2019
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