Earth day poetry

शुभ प्रभात बोला और बोला शुभ संध्या....
खाना खा की वाह-वाह
और नहाकर बोला माँ गंगा....
मात-पिता के किए चरण स्पर्श
और आत्मध्यान में गया रंगा...
खूब जोड़ा धन खूब कमाया नाम
बस तेरा शुक्रिया रह गया
ए- मेरी धरती स्वर्गगां...
Earth day poetry Earth day poetry Reviewed by Amar Nain on 4/22/2019 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.