Latest shayeri anchaha safar

Amar Nain 10/26/2018
बहुत बड़ी चाह ,अनचाहा है सफर टाइम कम , बड़ी लंबी है डगर वही हसर, सबका होना है इस मिट्टी से ही बना, इस मिट्टी में ही खोना है ना हंसना ह...Read More
Latest shayeri anchaha safar Latest shayeri anchaha safar Reviewed by Amar Nain on 10/26/2018 Rating: 5

Latest Sad shayeri Dil naa dukhana tum

Amar Nain 10/23/2018
हम उलझे नहीं वक्त की जंजीरों में हालात फिर भी, तो ज्यों के त्यों है बड़ा करते थे , मुस्कुराके सजदा पर आज इतनी खामोशी क्यों है ? कभी क...Read More
Latest Sad shayeri Dil naa dukhana tum Latest Sad shayeri Dil naa dukhana tum Reviewed by Amar Nain on 10/23/2018 Rating: 5

क्यों ?

Amar Nain 10/16/2018
क्यों खामियाँ बढ़ रही है ? क्यों नजदीकियाँ घट रही है ? क्यों मेरी तलाश बढ़ रही है ? क्यों तेरी नींद घट रही है ? क्यों रास्तें मिल नह...Read More
क्यों ? क्यों ? Reviewed by Amar Nain on 10/16/2018 Rating: 5

एक अरसा हो गया

Amar Nain 10/12/2018
एक अरसा हो गया है हमारी अनबन हुए हमें झगड़े हुए चलो आज दबी हुई बातों को टटोलते है तकरार करने को कुछ कड़वा बोलते हैं * अब नहीं अच्छा...Read More
एक अरसा हो गया एक अरसा हो गया Reviewed by Amar Nain on 10/12/2018 Rating: 5

कोशिश तो बहुत की थी तुमको अपना बनाने की

Amar Nain 10/10/2018
कोशिश तो बहुत की मैंने तुमको पाने की पर नसीब किसी और का अच्छा निकला अब कोशिश करनी पड़ेगी तुमको भूल जाने की * कि तीसरा दिन था वो कॉलेज का...Read More
कोशिश तो बहुत की थी तुमको अपना बनाने की कोशिश तो बहुत की थी तुमको अपना बनाने की Reviewed by Amar Nain on 10/10/2018 Rating: 5

अंधेरा रात का

Amar Nain 10/07/2018
आफताब डलने दो फिर अँधेरा छाएगा इन छलकती पलकों को कोई ना देख पाएगा तड़पन सी घुली है रूह में राह की चुप्पी का शमां , अनचाहे में पसंद ह...Read More
अंधेरा रात का अंधेरा रात का Reviewed by Amar Nain on 10/07/2018 Rating: 5

ना खता थी

Amar Nain 10/06/2018
ना खता थी लड़की की जो गले लगाया मोहब्ब्त को सब कुछ भुला कर सच करना चाहा सपनो को अपनों को अकेले कर किसी अकेले की हो जाना ठीक नहीं ये ख्...Read More
ना खता थी ना खता थी Reviewed by Amar Nain on 10/06/2018 Rating: 5

फ़िक्र मेरी , जिक्र तेरा

Amar Nain 10/06/2018
फ़िक्र मेरी, जिक्र तेरा मंजिल दूर, मुसीबतों ने राह घेरा अब क्या तेरा और क्या मेरा जो बिखरा ख्वाब राह में खो गया वो नया नवाब अब महज बात...Read More
फ़िक्र मेरी , जिक्र तेरा फ़िक्र मेरी , जिक्र तेरा Reviewed by Amar Nain on 10/06/2018 Rating: 5
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